Tuesday, May 24, 2016

वरिष्ठ पत्रकार और लेखक श्री आदित्य अवस्थी का देहावसान शब्द थोड़े हैं, अबोल करने वाला मर्मांतक समाचार। एक अजातशत्रु व्यक्तित्व का ऐसे असमय जाना सही में अकल्पनीय है।

Nalin Chauhan 
वरिष्ठ पत्रकार और लेखक श्री आदित्य अवस्थी का देहावसान
शब्द थोड़े हैं, अबोल करने वाला मर्मांतक समाचार।
एक अजातशत्रु व्यक्तित्व का ऐसे असमय जाना सही में अकल्पनीय है।
आदित्य जी की मृत्यु परिवार के साथ-साथ उनके प्रति सम्मान, अनुराग और स्नेह रखने वालों की लिए एक स्थायी दुख है। 
वे दिल्ली पर हिन्दी में अकेले ऐसे स्तंभ थे, जिन्होने मेरे जैसे अनगिनत अपढ़ों को दिल्ली के बारे में पढ़ने की सीख दी और काम करने के लिए प्रेरित किया।
मुझे यह बात स्वीकारने में तनिक भी संकोच नहीं कि आज तक मैंने दिल्ली पर जो भी लिखा, उसके मूल में कहीं न कहीं वे ही थे।
सो मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से उनका न होना एक ऐसी पीड़ा है, जिसका शमन शायद ही हो।
शायद ईश्वर को भी अच्छे व्यक्तियों की संगत अधिक प्रिय होती है, सो हरि की इच्छा के सम्मुख हम माटी के पुतलों की क्या बिसात।
ॐ शान्ति!

No comments:

Post a Comment