Tuesday, May 31, 2016

अमित शाह जी दलितों को लुभाने की कोई जरूरत नहीं है ।अब तो मौका भी है और दस्तूर भी ।आरक्षण का लंबित बिल पेश कीजिये,न्यायपालिका में आरक्षण का कानून बनाइये,एस सी सब प्लान ,एस टी सब प्लान से भूमिहीन दलित,आदिवासियों के लिए जमीन क्रय कर उन्हें दीजिये,निजी क्षेत्र में ,मिडिया में दलितों की भागीदारी के लिए कानून लाइए ।अस्पृश्यता को देश द्रोह घोषित कराइए ।अब तो आप समक्ष हैं,आपको भोजन भजन की क्या जरूरत ,दलित एजेंडे पर आइये ।


Lalajee Nirmal

अमित शाह जी दलितों को लुभाने की कोई जरूरत नहीं है ।अब तो मौका भी है और दस्तूर भी ।आरक्षण का लंबित बिल पेश कीजिये,न्यायपालिका में आरक्षण का कानून बनाइये,एस सी सब प्लान ,एस टी सब प्लान से भूमिहीन दलित,आदिवासियों के लिए जमीन क्रय कर उन्हें दीजिये,निजी क्षेत्र में ,मिडिया में दलितों की भागीदारी के लिए कानून लाइए ।अस्पृश्यता को देश द्रोह घोषित कराइए ।अब तो आप समक्ष हैं,आपको भोजन भजन की क्या जरूरत ,दलित एजेंडे पर आइये ।



दलितों के घर भोजन,दलितों के घर रात्रि विश्राम से क्या सन्देश देना चाहते हैं |दलित आपकी नजरों में आज भी अछूत हैं | दलितों के सामाजिक,आर्थिक आजादी के लिए तो कुछ कर नहीं पाए |आपके देवता तक दलितों के स्पर्श से अपवित्र हो जाते हैं |वाराणसी के जोगियापुर गाँव में गिरिजा प्रसाद बिंद के घर पर दलित भोज |


"जे वर्णाधम तेली, कुम्हारा।
स्वपच,किरात,कोल,कलवारा।।"-महाप्रभु तुलसी दास
कथित तेली मोदी जी ने तुलसीकृत रामचरित मानस की सीडी परोसा...
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तुलसी दास जी ने साडी अस्पृश्य जातियो का इलाज किया है।अपने प्रधानमन्त्री माननीय नरेंद्र मोदी जी कथित तौर पर तेली जाति के कहे जा रहे हैं।वे किस जाति के हैं,यह तो वे ही जानें पर जो प्रचारित है वह उनके घांची यानि तेली होने की बात प्रचारित है।तुलसी दास जी ने अपने राम चरित मानस में सम्पूर्ण स्त्री जाति से लेकर पूरी शूद्र जमात को कहीं न कही अपमानित जरूर किया है।उन्होंने ब्राह्मण को श्रेष्ठ,पूजनीय,देवता,भूसुर आदि सिद्ध किया है और यहां तक पूरी निर्लज्जता के साथ कह डाला है कि-
"पूजिय विप्र शील गुण हीना।
शूद्र न गण गुण ज्ञान प्रवीना।।"
तुलसी दास जी ने शुद्रो को शिक्षा देने या पढ़ने को सांप को दूध पिलाने सदृश कहा है।उन्होंने स्त्री जाति के हृदय में सदैव आठ अवगुण निवास करने की बात अपने उच्च कोटि के मानस ग्रन्थ में लिखा है।
तुलसी दास जी ने मानस ग्रन्थ में लिखा है कि-
"आभीर,यवन,किरात,खल,
स्वपचादि अति अध् रूपजे।"
तुलसी दास जी ने राम चरित मानस को रामकथा के वर्णन का साधन कम इस देश की कमेरी जातियो को अपमानित करने का साधन अधिक बनाया है।लुटेरी और मुफ्तखोर जातियो के महिमामण्डन से भरे इस शास्त्र में तुलसी दास जी अहीर,मुसलमान आदि को अधम और नीच घोषित करते हैं तो ब्राह्मण वर्ग को सर्वश्रेष्ठ।
हमारे तेली जाति के प्रधानमन्त्री श्रीमान् मोदी जी ने गोस्वामी तुलसी दास जी के रामचरित मानस की सीडी लांच कर खुद पर लिखे गए तुलसी कमेंट को लयबद्ध रूप में प्रस्तुत कर दुनिया को अलंकृत और लयबद्ध रूप में सुनने हेतु प्रेषित कर दिया है जिसमे गाया जा रहा है कि-
"जे वर्णाधम तेली, कुम्हारा।
स्वपच,किरात,कोल,कलवारा।।"


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