छतीसगढ़ में आदिवासियों पर सरकारी जुल्म की जांच रिपोर्ट प्रकाशित करने के के अपराध में बच्चों के डाक्टर , गोल्ड मेडलिस्ट डा बिनायक सेन को उम्र कैद की सज़ा दे दी गई ၊ मैनें सरकारी जुल्मों के खिलाफ आदिवासियों के मामले कोर्ट में उठाये तो सरकार नें मेरी हत्या की कोशिश करी और सौ वारंट निकाल दिये ၊ सोनी सोरी नें आवाज़ उठाई तो उसे थाने में बिजली के झटके दिये और उसकी कोख में पत्थर भर दिये गये ၊ महिला वकीलों नें आदिवासियों के केस लडे तो उन्हें शहर से निकाल दिया गया ၊ पत्रकारों नें पुलिसज़्यादतियों के बारे में लिखा तो पत्रकारों को जेल में डाल दिया ၊ सुकमा के जज नें निर्दोष आदिवासियों को फर्जी केसों में फंसाने के लिये पुलिस को डांटा तो जज को ही बर्खास्त कर दिया गया ၊ सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई टीम पुलिस ज़्यादातियों की जांच करने गई तो पुलिस ने सीबीआई टीम पर हमला कर दिया ၊ एक पुलिस के सिपाही नें अपने विभाग के बारे में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी , तो उस सिपाही को लाकअप में बन्द कर के पुलिस अधिकारियों ने मारा ၊ छत्तीसगढ़ में लोकतन्न का भाजपाई संस्करण आपका हार्दिक स्वागत करता है
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