21वी सदी संवैधानिक अधिकारों की. मंडल - 2 लागु करने की.
Jayantibhai Manani
Updated on Monday
गुजरात में अपरकास्ट को 10% आरक्षण की घोषणा के बाद ओबीसी को 52% ओबीसी आरक्षण लागु करने में गुजरात सरकार को कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए. मध्य प्रदेश और छतीसगढ़ में 14% ओबीसी आरक्षण क्यों? 27% ओबीसी आरक्षण क्यों नहीं?
अब जागरण का ये जिम्मा गुजरात, मध्य प्रदेश और छतीसगढ़ के पढे लिखे ओबीसी साथियो का है.
अब लागु होगा मंडल - 2. संवैधानिक मंडल कमीशन की महत्वपूर्ण 11 संवैधानिक सिफारिसो आज 2016 में भी लागु होने की प्रतीक्षा में है. ये जिम्मा किसी पक्ष या नेता का कम और शिक्षित पिछड़े- ओबीसी साथियो को उठाना होगा..
2- प्रोन्नति में पिछड़ों को आरक्षण - लागु नहीं की गई.
3- पिछड़ों का कोटा न भरने पर तीन साल तक खाली रखने की संस्तुति. - लागु नहीं की गई.
6- वित्तीय सहायता प्राप्त निजी क्षेत्र में पिछ्डों का आरक्षण बाध्यकारी बनाने की सिफारिश. - लागु नहीं की गई.
7- कालेज, विश्वविद्यालयों में आरक्षण योजना लागू करने की सिफारिश. आधा अधुरा अमल.
8- पिछड़े वर्ग को फ़ीस राहत, वजीफा, छात्रावास, मुफ्त भोजन, किताब, कपड़ा उपलब्ध कराने की सिफारिश. आधा अधुरा अमल.
9- वैज्ञानिक, तकनीकी, व्यवसायिक संस्थानों में पिछडों को 27% आरक्षण देने की सिफारिश. आधा अधुरा अमल.
10- पिछड़े वर्ग के छात्रो को विशेष कोचिंग का इंतजाम करने की सिफारिश. लागु नहीं की गई.
11- पिछड़े वर्ग के भूमिहीन मजदूरों को भूमि देने की सिफारिश. लागु नहीं की गई.
12- पिछड़ों की तरक्की के लिए पिछड़ा वर्ग विकास निगम बनाने की सिफारिश. लागु नहीं की गई.
13- राज्य व केंद्र स्तर पर पिछड़ा वर्ग का अलग मंत्रालय बनाने की सिफारिश. लागु नहीं की गई..
15. ओबीसी की जातिवार जनगणना करवाना. लागु नहीं की गई.
कालेलकर कमीशन लागु करने के जनतापक्ष के चुनावी वायदे के साथ 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनी. ओबीसी सांसदों के कालेलकर आयोग की रिपोर्ट लागू करने के दबाव की उपेक्षा करके अपरकास्ट समाजवादियों के दबाव से केंद्र सरकार ने कालेलकर आयोग की रिपोर्ट लागू करने के बजाय दुबारा दूसरा पिछड़ा वर्ग आयोग बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बिन्देश्वरी प्रसाद मंडल (यादव) के नेतृत्व में 1 जनवरी 1979 को नियुक्त किया, जिसे हम मंडल आयोग कहते है.
बीपी मंडल साहब ने पूरे देश में घूम-घूमकर लगभग 3,743 जातियों को सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़ा - ओबीसी घोषित कर 31 दिसम्बर 1980 को अपनी रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपी, जिसमें निम्न सिफारिशें की गयीं थीं-
1- पिछड़ों को सरकारी सेवाओं में 27% आरक्षण
2- प्रोन्नति में पिछड़ों को आरक्षण - लागु नहीं की गई.
3- पिछड़ों का कोटा न भरने पर तीन साल तक खाली रखने की संस्तुति. - लागु नहीं की गई.
4- SC/ST की तरह ही आयु सीमा में छूट देना
5- SC/ST की तरह ही पदों के प्रत्येक वर्ग के लिए सम्बन्धित पदाधिकारियों द्वारा रोस्टर प्रणाली अपनाने का प्रावधान.
6- वित्तीय सहायता प्राप्त निजी क्षेत्र में पिछ्डों का आरक्षण बाध्यकारी बनाने की सिफारिश. - लागु नहीं की गई.
7- कालेज, विश्वविद्यालयों में आरक्षण योजना लागू करने की सिफारिश. आधा अधुरा अमल.
8- पिछड़े वर्ग को फ़ीस राहत, वजीफा, छात्रावास, मुफ्त भोजन, किताब, कपड़ा उपलब्ध कराने की सिफारिश. आधा अधुरा अमल.
9- वैज्ञानिक, तकनीकी, व्यवसायिक संस्थानों में पिछडों को 27% आरक्षण देने की सिफारिश. आधा अधुरा अमल.
10- पिछड़े वर्ग के छात्रो को विशेष कोचिंग का इंतजाम करने की सिफारिश. लागु नहीं की गई.
11- पिछड़े वर्ग के भूमिहीन मजदूरों को भूमि देने की सिफारिश. लागु नहीं की गई.
12- पिछड़ों की तरक्की के लिए पिछड़ा वर्ग विकास निगम बनाने की सिफारिश. लागु नहीं की गई.
13- राज्य व केंद्र स्तर पर पिछड़ा वर्ग का अलग मंत्रालय बनाने की सिफारिश. लागु नहीं की गई.
14- पिछड़ा वर्ग आयोग बनाने की सिफारिश.
15. ओबीसी की जातिवार जनगणना करवाना. लागु नहीं की गई.
इन सिफारिशों को एक बार फिर इंदिरा गाँधी एवं राजीव गाँधी ने लागू नहीं किया.
वी पी सिंह ने 7 अगस्त 1990 को मंडल कमीशन की इस रिपोर्ट को आंशिक रूप में लागू किया, जो सुप्रीम कोर्ट में चैलेन्ज हो गयी. लम्बी लड़ाई के बाद 16 नवम्बर 1992 को क्रीमी लेयर की बाधा के साथ मंडल आयोग की सिफारिशों को आंशिक रूप से लागू करने का फैसला हुआ. मंडल साहब ने पिछडों की आबादी 52% मानी थी जबकि ये लगभग 60% है.
अब जागरण का ये जिम्मा गुजरात, मध्य प्रदेश और छतीसगढ़ के पढे लिखे ओबीसी साथियो का है.
अब लागु होगा मंडल - 2. संवैधानिक मंडल कमीशन की महत्वपूर्ण 11 संवैधानिक सिफारिसो आज 2016 में भी लागु होने की प्रतीक्षा में है. ये जिम्मा किसी पक्ष या नेता का कम और शिक्षित पिछड़े- ओबीसी साथियो को उठाना होगा..
2- प्रोन्नति में पिछड़ों को आरक्षण - लागु नहीं की गई.
3- पिछड़ों का कोटा न भरने पर तीन साल तक खाली रखने की संस्तुति. - लागु नहीं की गई.
6- वित्तीय सहायता प्राप्त निजी क्षेत्र में पिछ्डों का आरक्षण बाध्यकारी बनाने की सिफारिश. - लागु नहीं की गई.
7- कालेज, विश्वविद्यालयों में आरक्षण योजना लागू करने की सिफारिश. आधा अधुरा अमल.
8- पिछड़े वर्ग को फ़ीस राहत, वजीफा, छात्रावास, मुफ्त भोजन, किताब, कपड़ा उपलब्ध कराने की सिफारिश. आधा अधुरा अमल.
9- वैज्ञानिक, तकनीकी, व्यवसायिक संस्थानों में पिछडों को 27% आरक्षण देने की सिफारिश. आधा अधुरा अमल.
10- पिछड़े वर्ग के छात्रो को विशेष कोचिंग का इंतजाम करने की सिफारिश. लागु नहीं की गई.
11- पिछड़े वर्ग के भूमिहीन मजदूरों को भूमि देने की सिफारिश. लागु नहीं की गई.
12- पिछड़ों की तरक्की के लिए पिछड़ा वर्ग विकास निगम बनाने की सिफारिश. लागु नहीं की गई.
13- राज्य व केंद्र स्तर पर पिछड़ा वर्ग का अलग मंत्रालय बनाने की सिफारिश. लागु नहीं की गई..
15. ओबीसी की जातिवार जनगणना करवाना. लागु नहीं की गई.
कालेलकर कमीशन लागु करने के जनतापक्ष के चुनावी वायदे के साथ 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनी. ओबीसी सांसदों के कालेलकर आयोग की रिपोर्ट लागू करने के दबाव की उपेक्षा करके अपरकास्ट समाजवादियों के दबाव से केंद्र सरकार ने कालेलकर आयोग की रिपोर्ट लागू करने के बजाय दुबारा दूसरा पिछड़ा वर्ग आयोग बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बिन्देश्वरी प्रसाद मंडल (यादव) के नेतृत्व में 1 जनवरी 1979 को नियुक्त किया, जिसे हम मंडल आयोग कहते है.
बीपी मंडल साहब ने पूरे देश में घूम-घूमकर लगभग 3,743 जातियों को सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़ा - ओबीसी घोषित कर 31 दिसम्बर 1980 को अपनी रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपी, जिसमें निम्न सिफारिशें की गयीं थीं-
1- पिछड़ों को सरकारी सेवाओं में 27% आरक्षण
2- प्रोन्नति में पिछड़ों को आरक्षण - लागु नहीं की गई.
3- पिछड़ों का कोटा न भरने पर तीन साल तक खाली रखने की संस्तुति. - लागु नहीं की गई.
4- SC/ST की तरह ही आयु सीमा में छूट देना
5- SC/ST की तरह ही पदों के प्रत्येक वर्ग के लिए सम्बन्धित पदाधिकारियों द्वारा रोस्टर प्रणाली अपनाने का प्रावधान.
6- वित्तीय सहायता प्राप्त निजी क्षेत्र में पिछ्डों का आरक्षण बाध्यकारी बनाने की सिफारिश. - लागु नहीं की गई.
7- कालेज, विश्वविद्यालयों में आरक्षण योजना लागू करने की सिफारिश. आधा अधुरा अमल.
8- पिछड़े वर्ग को फ़ीस राहत, वजीफा, छात्रावास, मुफ्त भोजन, किताब, कपड़ा उपलब्ध कराने की सिफारिश. आधा अधुरा अमल.
9- वैज्ञानिक, तकनीकी, व्यवसायिक संस्थानों में पिछडों को 27% आरक्षण देने की सिफारिश. आधा अधुरा अमल.
10- पिछड़े वर्ग के छात्रो को विशेष कोचिंग का इंतजाम करने की सिफारिश. लागु नहीं की गई.
11- पिछड़े वर्ग के भूमिहीन मजदूरों को भूमि देने की सिफारिश. लागु नहीं की गई.
12- पिछड़ों की तरक्की के लिए पिछड़ा वर्ग विकास निगम बनाने की सिफारिश. लागु नहीं की गई.
13- राज्य व केंद्र स्तर पर पिछड़ा वर्ग का अलग मंत्रालय बनाने की सिफारिश. लागु नहीं की गई.
14- पिछड़ा वर्ग आयोग बनाने की सिफारिश.
15. ओबीसी की जातिवार जनगणना करवाना. लागु नहीं की गई.
इन सिफारिशों को एक बार फिर इंदिरा गाँधी एवं राजीव गाँधी ने लागू नहीं किया.
वी पी सिंह ने 7 अगस्त 1990 को मंडल कमीशन की इस रिपोर्ट को आंशिक रूप में लागू किया, जो सुप्रीम कोर्ट में चैलेन्ज हो गयी. लम्बी लड़ाई के बाद 16 नवम्बर 1992 को क्रीमी लेयर की बाधा के साथ मंडल आयोग की सिफारिशों को आंशिक रूप से लागू करने का फैसला हुआ. मंडल साहब ने पिछडों की आबादी 52% मानी थी जबकि ये लगभग 60% है.
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