विमर्श की अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ‘जनकृति’ का अप्रैल अंक (अंक 14, अप्रैल 2016) आप सभी के समक्ष प्रस्तुत है. यह अंक बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंती पर उन्हें समर्पित किया गया है. अंक पढ़ने हेतु www.jankritipatrika.com पर विजिट करें. पत्रिका के वर्तमान अंक से संबंधित प्रतिक्रया एवं सुझाव आमंत्रित है. कृपया इस मेल को अधिक से अधिक मित्रों को फॉरवर्ड करें ताकि यह अंक सभी पाठकों तक पहुँच सके. इस अंक के साथ ही जनकृति अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ने अपने एक वर्ष पूर्ण किए हैं..
(बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंती पर समर्पित अंक)
साहित्यिक विमर्श (कविता, नवगीत, कहानी, लघु-कथा, व्यंग्य, ग़ज़ल, संस्मरण, आत्मकथा, पुस्तक समीक्षा)
कविता
वंदना गुप्ता (कविता), शैलेन्द्र चौहान(कविता), समीर कुमार पाण्डेय(कविता), राहुल देव(कविता), आर चेतन क्रांति(कविता), प्रोमिला काज़ी(कविता), पंकज चतुर्वेदी(कविता), नित्यानंद गायेन(कविता), निशा राय(कविता), नाम देव(कविता), मिथिलेश कुमार राय(कविता), ललित कुमार मिश्र(कविता), हुस्न तबस्सुम निहाँ(कविता), हेमलता यादव(कविता), गीता पंडित(कविता), गीत चतुर्वेदी(कविता), डॉ. जितेंद्र श्रीवास्तव(कविता), आशीष कंधवे(कविता), अरविंद भारती(कविता), अनुराग अनंत(कविता), गिरीश पंकज(कविता), ईश मिश्र(कविता), अटल राम चतुर्वेदी(कविता), सौरभ गुप्ता ‘नीर’(कविता)
कहानी
माँ कैसी हो: सुरेखा शर्मा (कहानी)
सेल्समेन: शोभा जैन (कहानी)
मिसफिट: सुशांत सुप्रिय (कहानी)
लघुकथा
औरतें: डॉ. पुष्पलता (लघुकथा)
पगला: प्रदीप कुमार साह (लघुकथा)
पुस्तक समीक्षा
डॉमनिक की वापसी (उपन्यास)- विवेक मिश्र: समीक्षक- विनोद विश्वकर्मा (पुस्तक समीक्षा)
तुम कौन (काव्य संग्रह- रमणिका गुप्ता): समीक्षक- रीता चौधरी (पुस्तक समीक्षा)
कुछ गद्य..कुछ पद्य (काव्य संग्रह- तसलीमा नसरीन): समीक्षक- पूजा तिवारी (पुस्तक समीक्षा)
मालिश महापुराण- सुशील सिद्धार्थ: समीक्षक- एम.एम. चंद्रा (पुस्तक समीक्षा)
मिट्टी का साहित्य (काव्य संग्रह- लव कुमार लव): समीक्षक: आरिफा एविस (पुस्तक समीक्षा)
बस्ती (उपन्यास- इंतज़ार हुसैन): समीक्षक- अमित कुमार (पुस्तक समीक्षा)
ईश्वर की चौखट पर (काव्य संग्रह- शैलेंद्र चौहान): समीक्षक- आत्माराम (पुस्तक समीक्षा)
ग़ज़ल
जावेद उस्मानी (ग़ज़ल)
महेश कटारे सुगम (ग़ज़ल)
डॉ. डी. एम. मिश्रा (ग़ज़ल)
नवीन मणि त्रिपाठी (ग़ज़ल)
व्यंग्य
संगोष्ठी सुपरहिट: निकिता जैन (व्यंग्य)
मेरे देश की धरती- सोना उगले, उगले हीरे मोती: बेबाक बिहारी ‘श्याम’ (व्यंग्य)
शोध विमर्श
साहित्य के पुनरावलोकन की अवधारणा: महेश कुमार तिवारी
रंग विमर्श
जादू शिक्षा का (नाटक): विवेक रंजन श्रीवास्तव
मीडिया विमर्श
आधुनिक जनसंचार के विज्ञापन में हिंदी भाषा: अनिल कुमार
मध्यकालीन संत और मीडिया: डॉ. मीना
भारत में ई क्रान्ति: सुजय दास
दलित एवं आदिवासी विमर्श
प्रतीकों का मतलब: बाबा साहब की जयंती के संदर्भ में: डॉ. रतन लाल
अम्बेडकर.. एक दृष्टि: अजय कुमार चौधरी
डॉ. अम्बेडकर का सपना: Pay Back to Society: चेतन सिंह
हिंदी साहित्येतिहास लेखन में जातिवाद, संस्कृति और डॉ अम्बेडकर का सामाजिक चिंतन: डॉ. कर्मानंद आर्य
अम्बेडकर का हीरो कौन: डॉ. रविता कुमारी
डॉ० भीमराव अम्बेडकर और दलित चिन्तन की प्रतिबद्धता: परिवर्ती अम्बेडकरवाद या दलित नव जागरण युग: डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव
समाज के दमनात्मक संकेतों के विरुद्ध विद्रोह के प्रतीक: डॉ. अम्बेडकर: कृष्ण कुमार यादव
हिन्दू, नायक पूजा: रानाडे, अम्बेडकर और लोहिया: कुमार मुकुल
डॉ. भीमराव अम्बेडकर का जीवन परिचय एक अध्ययन विश्लेषण: कु नेहा नेमा
बाबा साहेब अम्बेडकर के सामजिक विचार: पंकज कुमार सिंह
सामाजिक क्रांति के अग्रदूत डॉ. अम्बेडकर: राम शिव मूर्ति यादव
महान युगदृष्टा- डॉ. भीमराव अम्बेडकर: रामजी तिवारी
अम्बेडकर का सामाजिक दर्शन एवं प्रासंगिककता (निबंध): रश्मि
समरस समाज से सशक्त राष्ट्र: आर. एल. फ्रांसिस
Useful Link on Baba Sahab Dr. Bhimrao Ambedakar: Kavita Singh Chauhan
हिंदी दलित साहित्य का सौंदर्यशास्त्र: चिंतन व विश्लेषण: डॉ. प्रवीण कुमार
दलित राजनीति से दलित गायब: प्रियंका श्रीवास्तव
दलित अस्मिता और हिंदी-कथा साहित्य: रवि कुमार
अमिट संचार के रूप में बैगा जनजाति की गोदना परंपरा: अनिल कुमार पाण्डेय
आदिभूमि और ग्लोबल गाँव के देवता उपन्यासों में आदिवासी स्त्री: भावाना मासीवाल
जनजातीय समाज में लोकगीत परंपरा: डॉ. अल्पना सिंह
आक्रोश: विस्थापित होते आदिवासियों का यथार्थ: डॉ. स्नेह लता नेगी
आदिवासी साहित्य में विचार-विमर्श: कविता मीना
आदिवासी, भूमंडलीकरण और ‘गायब होता देश’: संतोष अर्श
स्त्री विमर्श
नारी शक्ति विषयक वैश्विक दृष्टि व दृष्टिकोण की तलाश: मैत्रयी पुष्पा का विज़न: डॉ. किरण ग्रोवर
नारी अस्मिता का प्रश्न और ‘कोमल गंधार’: डॉ. संदीप रणभिरकर
स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सशक्त होती महिलाएं: ललित यादव
सूफ़ी परंपरा में महिला जीवन: राज कुमार
हिंदी उपन्यास में नयी नायिका का जन्म: संदर्भ मनोहर श्याम जोशी: सुखप्रीत कौर
शिक्षा विमर्श
उच्च शिक्षा में प्रशासन, प्रबंधन और नेतृत्व से जुड़े मुद्दे: विजय कुमार
बाल विमर्श
पटरियों पर भटकता बचपन: अभिषेक कांत पाण्डेय
बाल विवाह: चुनौती और सफलता: अनामिका
बाल यौन शोषण: हिंदी साहित्य में उत्पीड़ित बच्चों की पीड़ा: मनीष खारी
भाषिक विमर्श
हिंदी तथा मराठी भाषाओं की ध्वनि व्यवस्था में अंतर: सुषमा लोखंडे
शैली की उपयोगिता एवं महत्त्व: श्रीमती अंजू श्रीवास्तव
शोध आलेख
हिंदी सिनेमा में स्त्री का नया पाठ (विशेष संदर्भ 2014 में प्रदर्शित फिल्में): डॉ. रमा (सिने विमर्श)
वृत्तचित्र (इंडियाज़ डॉटर) पर भारत सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध पर युवाओं की राय: मनीष कुमार जैसल
Indology and Sanskrit Studies: The Battle for Sanskrit between the East and the West: Dr. Ayesha Tahera Rashid
Bridging the Gap (A Strategic Communication Approach for Development of Tribals in India): Dr. Syed Murtaza Alfarid Hussain
21वीं सदी में भारतीय किसान की दशा और दिशा: मनोज कुमार
अमरकांत के साहित्य में प्रगतिशील एवं यथार्थवादी दृष्टिकोण: अमर कुमार चौधरी
उत्तर-पूर्व प्रश्न: डॉ. अमित राय
समय के निकष पर समकालीन हिंदी कविता: अनिल कुमार पाण्डेय
स्वातंत्र्योत्तर हिंदी कविता: एक सर्वेक्षण: पूर्णिमा रजक
निराला की कहानियाँ: कहानी के परिचित रूप से पलायन: अंजलि कुमारी
समकालीन संदर्भ में भारतीय सामाजिक मूल्य: अनुराग कुमार पाण्डेय
मथुरा जनपद में तुलसी की कृषि का विकास: भौगौलिक अध्ययन: डॉ. कोमल सिंह
‘ऐसी नगरिया में केही विधि रहना’ की दृष्टि से जयनंदन के उपन्यास का वैशिष्ट्य: गोपाल प्रसाद
मैला आँचल में प्रयुक्त में लोकगीतों का मूल्यांकन: लल्टू कुमार
भूमंडलीकरण के दौर में नए समाज की अवधारणा: रहीम मियाँ
सुषम बेदी के ‘हवन’ उपन्यास के पात्रों का मनोवैज्ञानिक अध्ययन: राजपाल
नव लेखन
यह समय और लेखक होने का मतलब: मनोज कुमार पांडेय
हिन्द स्वराज: पठन की प्रस्तावना: राकेश मिश्र
जलप्रलय- गोंडवाना लेंड एवं भरत-खंड: डॉ. श्याम गुप्त
जेएनयू तथा संघी राष्ट्रोन्माद: ईश मिश्र
घरेलू कामगार: अस्मिता का नियतिपरक का प्रस्थान: प्रो. अजय कुमार साव
क्लीन मेंटालिटी एंड क्लीन लोकेलिटी: डॉ. दीपक
‘जय भीम’ शब्द के जनक
सांस्कृतिक पर्व भगोरिया: संजय वर्मा (लोक विमर्श)
आवरण स्केच: कार्तिक बस्फोर
रेखाचित्र: डॉ. लाल रत्नाकर
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