मई दिवस (1 मई ) कामगारों के विधाता भारतनिर्माता बाबासाहेब आंबेडकर
भारत में मजदुरों को जो भी अधिकार प्राप्त हैं उसका श्रेय आधुनिक भारत के निर्माता बाबासाहब डा. भीमराव अम्बेडकर जी को जाता है. यदि बाबासाहब न होते तो मजदूरों का भविष्य अंधकारमय होता. वे बिना अधिकारों के एक गुलाम की तरह होते. मजदूरों के हक़ के लिए उन्होंने एक मजदुर नेता के रूप में और वायसराय की प्रीवियु काउन्सिल के सदस्य के रूप में 1942 से 1946 के बीच जो काम किया, उसी का नतीजा है कि आज भारत का मजदुर गुलाम नहीं है.
मजदूरों की भलाई में बाबासाहब के कुछ ख़ास योगदान -
* कारखानों में काम के समय को 14 घंटे से 8 घंटे किया.
* ESI की स्थापना.
* स्वास्थय बीमा योजना, प्रोविडेंट फंड, न्यूनतम वेतन की शुरुआत.
* महिलाओं को प्रसव अवकाश, कोयला खदानों में काम से पावंदी.
* मेंहगाई भत्ता और निश्चित समय पर पे कमीशन शुरू करवाया.
* मजदुर बेल्फेयर फंड, कोल और माइका मजदुर बेल्फेयर फंड शुरू कराया.
* रोजगार कार्यालय की शुरुआत.
ये कुछ उदहारण हैं बाबासाहब द्वारा मजदूरों के हक़ में किये गए कुछ कामों के.
भारत में मजदुरों को जो भी अधिकार प्राप्त हैं उसका श्रेय आधुनिक भारत के निर्माता बाबासाहब डा. भीमराव अम्बेडकर जी को जाता है. यदि बाबासाहब न होते तो मजदूरों का भविष्य अंधकारमय होता. वे बिना अधिकारों के एक गुलाम की तरह होते. मजदूरों के हक़ के लिए उन्होंने एक मजदुर नेता के रूप में और वायसराय की प्रीवियु काउन्सिल के सदस्य के रूप में 1942 से 1946 के बीच जो काम किया, उसी का नतीजा है कि आज भारत का मजदुर गुलाम नहीं है.
मजदूरों की भलाई में बाबासाहब के कुछ ख़ास योगदान -
* कारखानों में काम के समय को 14 घंटे से 8 घंटे किया.
* ESI की स्थापना.
* स्वास्थय बीमा योजना, प्रोविडेंट फंड, न्यूनतम वेतन की शुरुआत.
* महिलाओं को प्रसव अवकाश, कोयला खदानों में काम से पावंदी.
* मेंहगाई भत्ता और निश्चित समय पर पे कमीशन शुरू करवाया.
* मजदुर बेल्फेयर फंड, कोल और माइका मजदुर बेल्फेयर फंड शुरू कराया.
* रोजगार कार्यालय की शुरुआत.
ये कुछ उदहारण हैं बाबासाहब द्वारा मजदूरों के हक़ में किये गए कुछ कामों के.
कहना ये है कि जब भारत के मजदूरों के मुक्तिदाता बाबासाहब हैं तो 'मई दिवस' पर उनको याद किया जाना चाहिए!!!!
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