1950 में ‘संघ लोक सेवा आयोग’ ( UPSC ) दिल्ली ने 'स्वतंत्र भारत' में प्रथम ‘I.A.S.’ परीक्षा आयोजित की इसमें, ‘एन. कृष्णन’ प्रथम व् ‘अनिरुध गुप्ता’ का, 22वां और ‘अछूतानंद दास’, ‘चमार’ का सबसे अंतिम ‘48वां’ अर्थात ‘अंतिम’ स्थान आया. इसके साथ ही 'बंगाल' का, ‘अछूतानंद दास’, ‘चमार’पहला ‘I.A.S.’ बना.
लिखित परीक्षा में‘ अछूतानंद दास’ चमार ने 613 अंक लेकर ‘प्रथम’ स्थान लिया, एन. कृष्णन’ ने 602 और ‘ए. गुप्ता’ को 449 अंक मिले.
300 अंक का 'साक्षात्कार' (इंटरव्यू ) जातिवादियो' द्वारा लिया गया. जातिवादियो' ने‘अछूतानंद दास', 'चमार' को केवल 110 अंक ही दिए व् 'एन. कृष्णन' को 260 अंक और 'ए. गुप्ता' को 265 अंक दिये.
'सामान्य ज्ञान'(जी.के) की 100 अंकों की 'लिखित' परीक्षा में 'अछूतानंद दास', 'चमार' ने '79' अंक व् 'एन. कृष्णन' ने ‘69’ अंक और'ए. गुप्ता' केवल '40' अंक ही प्राप्त कर सका. 'सामान्य ज्ञान' (जी.के.) की परीक्षा में 'अछूतानंद दास', 'चमार' ने, '79' अंक लेकर 'टॉप' किया.
'सामान्य ज्ञान'(जी.के) की 100 अंकों की 'लिखित' परीक्षा में 'अछूतानंद दास', 'चमार' ने '79' अंक व् 'एन. कृष्णन' ने ‘69’ अंक और'ए. गुप्ता' केवल '40' अंक ही प्राप्त कर सका. 'सामान्य ज्ञान' (जी.के.) की परीक्षा में 'अछूतानंद दास', 'चमार' ने, '79' अंक लेकर 'टॉप' किया.
यदि 'इंटरव्यू', 'जातिवादियो'द्वारा नही लिया जाता या फिर 'इंटरव्यू',होता ही ना, तो 'अछूतानंद दास', 'चमार', 'स्वतंत्र भारत' की पहली 'I.A.S.' परीक्षा का 'टाँपर ' होता. 'एन. कृष्णन' का 48 वां स्थान और ‘अनिरुध गुप्ता’ कभी भी 'I.A.S.' न बनता.
इस तरह, 'एन. कृष्णन' को कुल = 931 अंक , 'ए. गुप्ता'को कुल = 754 अंक, तथा 'अछूतानंद दास', 'चमार',को कुल = 802 अंक प्राप्त हुए. अब 'इमानदारी' से यह देखो कि, ... यदि 'अछूतानंद दास', 'चमार', को भी दूसरों की तरह, 'इंटरव्यू', में 250 अंक दिए जाते तो उसे ( 613+250+79 = 942 ) 942अंक मिलते तो वह ही 'टापर' होता. तथा कथित 'मेरिट' कैसे बनती है ? उसका यह केवल एक'उदाहरण 'ऐसे हजारो उदहारण मिलेंगे..
वर्ष 2012 में देश की प्रतिष्ठित लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा (UPSC) के आंकड़ो पर गौर करें तो हम एक अलग ही हकीकत से रूबरू होते हैं !! लिखित परीक्षा में सबसे अधिक मैरिट 42.96% SC की ,42.66% ST की , 41.03% OBC की और General Category की 39.60% रही.
लिखित परीक्षा में 590/1750 यानि मात्र 33.71%अंक पाकर सामान्य वर्ग(General Category) वाले चयनित हो गये, जबकि 621/1750 यानि 35.48% अंक पाकर अन्य पिछडी जाति वर्ग (OBC), 660/1750 यानि 37.71%अंक पाकर अनु जनजाति (ST) और 664/1750 यानि 37.94 % अंक पाकर अनुसूचित जाति वर्ग (SC) वाले अभ्यर्थी चयनित हुए.
कुल 1091 रिक्तयों के सापेक्ष 998 अभ्यर्थी चयनित किए गये जिनमें- General के 550 , OBCs के 295, SC के 169 व ST के 77 उम्मीदवार शामिल हैं. चयन प्रक्रिया के ओरल टेस्ट में षड्यंत्रपूर्वक ओबीसी, एससी और एसटी को कम मार्क्स और जनरल को ज्यादा मार्क्स देकर जनरल 550 को चयनित किया गया.
साक्षात्कार (कुल अंक 300) में से SC बच्चों को 200 या 200 से अधिक अंक केवल 21 अभ्यर्थियों यानि 12.4% को ही दिये गये। लिखित परीक्षा में General Category से 70 अंक अधिक लाने वाले अभ्यर्थी साक्षात्कार मे अचानक एकदम फिस्सडी कैसे हो गये?
2. इसी प्रकार ST के 77 बच्चों में से 21 यानि 27.27%, OBCs के 295 में से 72 यानी 24.4% और General Category के 190 यानी 41.5% अभ्यर्थी 200 या 200 से अधिक अंक लाने में कामयाब रहे।
https://www.facebook.com/jayantibhai.manani/media_set…
2. इसी प्रकार ST के 77 बच्चों में से 21 यानि 27.27%, OBCs के 295 में से 72 यानी 24.4% और General Category के 190 यानी 41.5% अभ्यर्थी 200 या 200 से अधिक अंक लाने में कामयाब रहे।
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