Sunday, May 15, 2016

धर्मोन्मादी हिंदुत्व की नई संस्कृति का भयंकर नजारा केसरिया बंगाल भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने साफ साफ कह दिया कि यादवपुर यूनिवर्सिटी की लड़कियां बेशर्म हैं। उन्होंने छेड़खानी की आधारहीन शिकायत दर्ज कराई है। वे लड़कों के ऊपर लेटी रहती हैं और बाद में छेड़खानी की शिकायत दर्ज कराती हैं। बंगाल की मां माटी मानुष सरकार की महिला मुख्यमंत्री को अपने खास ताल्लुक में देश ही नहीं,दुनियाभर में मशहूर एक विश्वविद्यालय कैंपस पर बार बार बजरंगी धावा,कैंपस में छात्राओं के साथ छेड़खानी,राज्यपाल के मार्फत उपकुलपति पर नाजायज दबाव और विश्वविद्यालय की स्वायत्तता में अविराम हस्तक्षेप की तो परवाह मोदी गठबंधन के मुताबिक फिर सत्ता में वापसी की गरज और शारदा नारदा की मजबूरी से नहीं ही रही होगी,लेकिन एक नागरिक और एक महिला की हैसियत से यादवपुर की छात्राओं की शारीरिक और मौखिक श्लीलताहानि से इतनी अविचल रहकर उनने बंगाल को केसरिया बनाने के हिदुत्व एजंडे को अपना खुल्ला समर्थन दे दिया है और अब बंगाल औ बंगाली अच्छीतरह समझ लें कि तृणमूल समर्थक सर्वे में भाजपा को नौ सीटों और मालदा में कमसकम चार सीटों पर भजपा के दावे और हारे चाहे जीते बंगाल में सर्वत्र भाजपा के बढ़े हुए निर्णायक वोटबैंक का मतलब क्या है। एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास हस्तक्षेप

धर्मोन्मादी हिंदुत्व की नई संस्कृति का भयंकर नजारा केसरिया बंगाल
भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने साफ साफ कह दिया कि  यादवपुर यूनिवर्सिटी की लड़कियां बेशर्म हैं। उन्होंने छेड़खानी की आधारहीन शिकायत दर्ज कराई है। वे लड़कों के ऊपर लेटी रहती हैं और बाद में छेड़खानी की शिकायत दर्ज कराती हैं।

बंगाल की मां माटी मानुष सरकार की महिला मुख्यमंत्री को अपने खास ताल्लुक में देश ही नहीं,दुनियाभर में मशहूर एक विश्वविद्यालय कैंपस पर बार बार बजरंगी धावा,कैंपस में छात्राओं के साथ छेड़खानी,राज्यपाल के मार्फत उपकुलपति पर नाजायज दबाव और विश्वविद्यालय की स्वायत्तता में अविराम हस्तक्षेप की तो परवाह मोदी गठबंधन के मुताबिक फिर सत्ता में वापसी की गरज और शारदा नारदा की मजबूरी से नहीं ही रही होगी,लेकिन एक नागरिक और एक महिला की हैसियत से यादवपुर की छात्राओं की शारीरिक और मौखिक श्लीलताहानि से इतनी अविचल रहकर उनने बंगाल को केसरिया बनाने के हिदुत्व एजंडे को अपना खुल्ला समर्थन दे दिया है और अब बंगाल औ बंगाली अच्छीतरह समझ लें कि तृणमूल समर्थक सर्वे में भाजपा को नौ सीटों और मालदा में कमसकम चार सीटों पर भजपा के दावे और हारे चाहे जीते बंगाल में सर्वत्र भाजपा के बढ़े हुए निर्णायक  वोटबैंक का मतलब क्या है।
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
हस्तक्षेप
संघ परिवार के भूमिगत सिपाहसालार दिलीप घोष को बंगाल भाजपा का अध्यक्ष बबनाये जाने के बाद संघ परिवार का उग्र हिंदुत्व अब #Shut down JNU की तर्ज पर #Shut DOWN JU #Shut down Jadavpur univesity #Shut Down Universities # Shut down IITs# Shut Down IIMs#Shut Down State Boards बजरंगी अश्वमेध अभियान है।

हैदरा बाद और नई दिल्ली में भी,इलाहाबाद और बनारस में भी और बाकी शैक्षणिक संस्थानों में भी हुड़दंगी केसरिया सुनामी जारी है और देशभर में अब कहीं भी जाति उन्मूलन के नारे के साथ,बाबा साहेब और रोहितवेमुला की तस्वीर के साथ जुलूस निकालने,मनुस्मृति जलाने और देश के हर हिस्से की जनता के नागरिक मानवाधिकारों,उनके तमाम हकहकूक की आवाज बुलंद करने वाले छात्रों और युवाओं पर हमला संभव है।

अब पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने शनिवार को एक बयान देकर हंगामा खड़ा कर दिया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने यादवपुर यूनिवर्सिटी की लड़कियों को 'बेशर्म' करार दिया है। घोष का बयान जादवपुर यूनिवर्सिटी की लड़कियों द्वारा एबीवीपी के कुछ कार्यकर्ताओं पर छेड़खानी की शिकायत करने को लेकर आया है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान घोष ने कहा, यादवपुर यूनिवर्सिटी की लड़कियां बेशर्म हैं। उन्होंने छेड़खानी की आधारहीन शिकायत दर्ज कराई है। वे लड़कों के ऊपर लेटी रहती हैं और बाद में छेड़खानी की शिकायत दर्ज कराती हैं।

प्रगतिशील बंगाल के केसरियाकरण का आशय अब यादवपुर विश्वविद्यालय के खिलाफ बजरंगी धावे से दूध का दूध,पानी का पानी है।पिछले धावे से पहले बजरंगी फौज की अगुवाई करने वाली महिला नेता ने ऐलान कर दिया कि राष्ट्रद्रोही छात्राओं से छेड़ छाड़ जायज है तो धावे में पुलिस केएहतियाती बंदोबस्त और घेरे बंदी से पिटे विद्यार्थी नेता ने यादवपुर के छात्रों और छात्राओं को कैंपस से निकलने पर पांव काट लेने की धमकी दी।

अब ताजा धमाका प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हिंदुत्व और भारतीय संस्कृति के स्वयंभू धारक वाहक संघ परिवार के सिपाहसालार दिलीप घोष ने किया है और उनके मुखारविंद से यादवपुर के छात्राओं के लिए जो सुभाषित निकले हैं,वह मनुस्मृति में शूद्र और दासी स्त्रियों से अनादिकाल से पितृसत्ता के आचरण के नायाब नमूने हैं।

गौरतलब है कि भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने आज यह कहकर विवाद पैदा कर दिया कि  यादवपुर विश्वविद्यालय की लड़कियां स्तरहीन और बेशर्म हैं जो हमेशा पुरुष छात्रों के साथ रहने का अवसर ढूंढने में लगी रहती हैं। घोष ने एबीवीपी और वाम झुकाव वाले छात्रों के बीच एक फिल्म के प्रदर्शन के दौरान पिछले सप्ताह हुई झड़प के दौरान संस्थान की छात्राओं के छेड़खानी का आरोप लगाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, 'छेड़खानी के आरोप निराधार हैं।  यादवपुर विश्वविद्यालय की छात्राएं जो आरोप लगा रही हैं वो खुद स्तरहीन और बेशर्म हैं और वह हमेशा पुरुषों के साथ लगी रहती हैं।

उस बंगाल में ऐसा अभूतपूर्व नजारा है,जहां स्त्री मुक्ति के तमाम दरवाजे खिड़कियां खोलने वाले राजा राममोहन राय,ईश्वर चंद्र विद्यासागर,हरिचांद गुरुचांद ठाकुर,रवींद्रनाथ ठाकुर,शरतचंद्र जैसे लोगों ने आजीवन मुक्त स्त्रीकाल की रचना की और जहां दुर्गोत्सव धर्मोन्माद नहीं,सांस्कृतिक विविधता का उत्सव है और वैदिकी कर्म कांड नहीं,महिषासुर वध नहीं,महालया जागरण और आगमनी से लेकर विसर्जन तक बेटी के स्वागत और उसकी विदाई का माहौल है।हिंदुत्व के झंडेवरदार इस बंगीय संस्कृति के बदले अपनी केसरिया सुनामी  हिंदुत्व की कौन सी नई संस्कृत का बंगाल में आयात कर रही है .इसे समझा जा सकता है।

फिरभी बंगाल की मां माटी मानुष सरकार की महिला मुख्यमंत्री को अपने खास ताल्लुक में देश ही नहीं,दुनियाभर में मशहूर एक विश्वविद्यालय कैंपस पर बार बार बजरंगी धावा,कैंपस में छात्राओं के साथ छेड़खानी,राज्यपाल के मार्फत उपकुलपति पर नाजायज दबाव और विश्वविद्यालय की स्वायत्तता में अविराम हस्तक्षेप की तो परवाह मोदी गठबंधन के मुताबिक फिर सत्ता में वापसी की गरज और शारदा नारदा की मजबूरी से नहीं ही रही होगी,लेकिन एक नागरिक और एक महिला की हैसियत से यादवपुर की छात्राओं की शारीरिक और मौखिक श्लीलताहानि से इतनी अविचल रहकर उनने बंगाल को केसरिया बनाने के हिदुत्व एजंडे को अपना खुल्ला समर्थन दे दिया है और अब बंगाल औ बंगाली अच्छीतरह समझ लें कि तृणमूल समर्थक सर्वे में भाजपा को नौ सीटों और मालदा में कमसकम चार सीटों पर भजपा के दावे और हारे चाहे जीते बंगाल में सर्वत्र भाजपा के बढ़े हुए निर्णायक  वोटबैंक का मतलब क्या है।

बहरहाल बंगाल में मोदी दीदी गठबंधन ने क्या क्या गुल खिला दिये और खास कोलकाता में दीदी की भवानीपुर सीट में विपक्ष को हराने के लिए संघ परिवार ने कितने वोट काटलिये या नारायण गढ़ से दीदी मोदी गठबंधन को शिक्सत देकर नये नेता सूर्यकांत मिश्र की अग्निदीक्षा हो पाती है या नहीं,इसका जवाब 19 मई को मिलेगा। दक्षिण बंगाल के 216 सीटों में उत्तर बंगाल में सूपड़ा साफ हो जाने के बावजूद मुसलमानों के वोट और दीदी मोदी गठबंधन की वजह से अब भी बढ़त दीदी को है।

बहरहाल राजनीतिक समीकरण और संभावित जनादेश से कोई फर्क अब नहीं पड़नेवाला है।धर्मोन्मादी हिंदुत्व की नई संस्कृति का भयंकर नजारा केसरिया बंगाल है,यह असल चुनाव नतीजा है।

शनिवार को बाकायदा संवाददाता सम्मेलन बुलाकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, यादवपुर  विश्वविद्यालय की घटना के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं को जिस प्रकार से छेड़छाड़ के मामले में फंसाया गया है, वह बेशर्मी की हद है। एक तो एबीवीपी को कैंपस में फिल्म का शो नहीं करने दिया जाता है। दूसरे जब इसका विरोध एबीवीपी  कार्यकर्ता करते हैं, तो वामपंथी छात्र संगठन के लड़के उन्हें बुरी तरह से पीटते हैं और बेहाया लड़कियां उनपर छेड़छाड़ का आरोप लगा देती हैं। उन्होंने कहा कि उन लड़कियों को थोड़ी भी शर्म नहीं है, जिन्होंने बेगुनाहों पर झूठा आरोप लगाया।

गौरतलब है कि छेड़छाड़ में पकड़े गये कथित एबीवीपी  कार्यकर्ताओं को विश्वविद्यालय प्रशासन की  तरफ से पुलिस के हवाले किया गया और विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनके इस अभूतपूर्व हिंदुत्वकरण छेड़छाड़ अभियान के खिलाफ थाने में एफआईआर कराया।अभियुक्तों को बाइज्जत रिहा ही नहीं किया गया,ममता बनर्जी की बंगाल पुलिस ने उनके खिलाफ अभीतक कोई कार्वाई नहीं की।इस हादसे के बाद बजरंगियों ने तेजी से संघ परिवार का राष्ट्रीय चेहरा बनकर उभर रही फिल्म स्टार रूपा गंगागुली की अगुवाई में यादवपुर विश्वविद्यालय पर धावा बोला।तब से धावों का सिलसिला जारी है और मुख्यमंत्री खामोश हैं।

आगे जो कहा गया,वह भारतीयस्त्री अस्मिता और संग परिवार की दुर्गावाहिनी ,उनकी साध्वियों,उनकी महिला नेताओं और कार्यक्रताओं के लिए कितान सम्मान जनक है,हिंदुत्व के रक्षक समझ लें तो बेहतर।

ऐन चुनाव से पहले संघ परिवार के भूमिगत कार्यकर्ता से उग्र आक्रामक केसरिया राजसूय अभियान के लिए बंगाल भाजपा के सूबेदार बनाये गये घोष ने कहा कि  यादवपुर  विश्वविद्यालय की घटना में कुछ वामपंथी विचारधारा की महिलाएं खुद आकर एबीवीपी कार्यकर्ताओं से भिड़ जाती हैं। उन पर गिर जाती हैं। जब एबीवीपी की महिला सदस्य उन्हें बचाने आती हैं, तो उन्हें भी मारा जाता है।

छेड़खानी के मामले में फंसे एबीवीपी कार्यकर्ताओं के बचाव में अदालत में अभियुक्त पक्ष के वकील की दलीलों की तर्ज परबंग विजय के लिए तैनात बंगाल भाजपा के सूबेदार बनाये गये घोष  ने बार बार कहा कि वामपंथी छात्र संगठन की लड़कियां खुद ही लड़कों पर गिरती हैं और जब वहां मौजूद एबीवीपी की महिला सदस्य उन्हें वहां से हटाती हैं, तो उन्हें भी मारा जाता है। उलटे एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर छेड़छाड़ का आरोप लगा दिया जाता है। यह घटिया हरकत है।

फिर यह ब्रह्मास्त्र। घोष ने कह दिया कि जिन को मान-सम्मान की जरूरत है, उन्हें ऐसे स्थानों पर नहीं जाना चाहिए।इसके बावजूद ताज्जुब है कि संघपरिवार का अनिवार्य गंतव्य अब भी यादवपुर बना हुआ है।
गौरतलब है कि बीते िदनों जेयू में एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर वहां की छात्राओं ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था।बजरंगियों का आरोप है कि  इसके बाद इन एबीवीपी कार्यकर्ताओं को बंधक बना लिया गया था। उनके साथ मारपीट भी की गयी थी।   
दिलीप घोष के बयान की निंदा
उधर, माकपा के राज्य सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा ने ट्वीटर पर इस टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा कि इसमें कुछ नया नहीं है। उनके मुताबिक आपत्तिजनक टिप्पणी करने व बयान देने को लेकर भाजपा नेता अभ्यस्त हैं। ऐसा भाजपा और आरएसएस की नीतियों को दर्शाता है।

भाकपा (माले) के प्रदेश सचिव पार्थ घोष ने ऐसी टिप्पणी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के माफी मांगने की मांग की है। पार्थ घोष ने कहा है कि जादवपुर विश्वविद्यालय की छात्राओं के प्रति आपत्तिजनक बातें कहना केवल छात्राओं का ही नहीं बल्कि बंगाल की तमाम महिलाओं  का अपमान है, उन्हें इसके लिए क्षमा मांगनी चाहिए।
जेयू में हो और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था : राज्यपाल
राज्यपाल हाथ पर ङाथ धरे बैछे भी नहीं हैं।वे मुख्यमंत्री की तरह खामोश भी नहीं है।

यादवपुर यूनिवर्सिटी (जेयू) में पिछले कुछ महीनों में बाहरी लोगों के अनाधिकृत प्रवेश की वजह से वहां हिंसक घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इस वजह से जेयू में शिक्षा का माहौल बिगड़ता जा रहा है।यह मानते हुए विश्वविद्यालय की इस स्थिति पर राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने चिंता जताईहै और वहां सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी करने का निर्देश दिया है।ऐसा कोई निर्देस मुख्यमंत्री की ओर से नहीं है।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर राज्यपाल ने विश्वविद्यालय प्रबंधन को यहां अतिरिक्त पुलिस तैनात करने का निर्देश दिया है कि ताकि बाहरी लाेगों के प्रवेश पर अंकुश लगायी जा सके।

मीडिया के अनुसार, राज्यपाल ने  यादवपुरर विश्वविद्यालय के कुलपति सुरंजन दास व सह कुलपति आशीष रंजन वर्मा के साथ एकांत में बैठक के दौरान जल्द से जल्द से यूनिवर्सिटी में सुरक्षा-व्यवस्था और बढ़ाने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले  यादवपुर  विश्वविद्यालय में विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित फिल्म ‘बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम’ के प्रदर्शन को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। इस फिल्म के प्रदर्शन के खिलाफ छात्रों ने एक हिस्से ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था।

गौरतलब है कि  इस घटना को लेकर राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा था कि शिक्षा का यह प्रांगण अब अशांति का केंद्र बन गया है। इस संबंध में उन्होंने उपकुलपति से रिपोर्ट तलब किया था।उपकुलपति ने जवाब भी दे दिया है।
गौरतलब है कि जेयू के कुलपति सुरंजन दास ने ऐसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए यूनिवर्सिटी के एलुमनी एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक भी की।उपकुलपति ने उनसे कहा कि भविष्य में इस प्रकार का कोई आयोजन करने या अनुमति देने से पहले सोच-विचार कर निर्णय लिया जाये।
जानकारी के अनुसार, इस संबंध में चर्चा करने के लिए कुलपति सुरंजन दास एक बार फिर सभी पक्षों को साथ लेकर बैठक करेंगे।

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