Tuesday, May 3, 2016

आदिवासियों का संवैधानिक आन्दोलन और छोटुभाई वसावा.

आदिवासियों का संवैधानिक आन्दोलन और छोटुभाई 

वसावा.

Jayantibhai Manani


आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के अमल के लिए आवाज उठाकर आन्दोलन चलाने में देश में प्रथम नाम झघडिया - भरूच के 5 टर्म से धारासभ्य रहे छोटूभाई वसावा का है. संविधानिक आन्दोलन आज देश भर में फेल चूका है,
अपने अधिकारों के लिए आदिवासियों सदियों से लड़ते रहे है. 26 जनवरी 1950 से देश के संविधान के लागु होते ही आदिवासियों को विशिष्ट अधिकारों मिल गये लेकिन आज 2016 में भी कागज पर ही रहे है.
1. गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के ट्राइबल एरिया में एसटी, एससी और ओबीसी के संवैधानिक अधिकारों के जागरण, अमल और रक्षण के लिए 2009 में बिनपक्षीय सामाजिक संगठन भिलिस्तान विकास मोर्चा गुजरात के लोकनेता और धारासभ्य छोटुभाई वसावा के मार्गदर्शन में बनाया गया.
2. स्वतन्त्र भारत के 70 वर्ष के इतिहास में गुजरात के आदिवासियों ने 2011 में आदिवासी संवैधानिक रथ यात्रा अम्बाजी- बनासकांठा से धरमपुर - वलसाड तक पूर्व राज्य मंत्री छोटुभाई वसावा और पूर्व सांसद अमरसिंह झेड. चौधरी के नेतृत्व में निकाली थी. समापन समारोह में भूरिया कमिटी के अध्यक्ष - पूर्व सांसद दिलीपसिंह भूरिया उपस्थित रहे थे.
इस यात्रा में आदिवासी एकता परिषद् के महामंत्री अशोक भाई चौधरी, गुजरात प्रदेश ओबीसी समर्थन समिति के अध्यक्ष जयंतीभाई मनाणी, एससी-एसटी के सामाजिक संगठनो और पूर्व एमएलए महेशभाई वसावा - भिलिस्तान विकास मोर्चा ने यात्रा सफल बनाने में सहयोग किया था.
3. भिलिस्तान विकास मोर्चा ने बिरसा मुंडा की 140वी जन्मजयंती पर भरूच जिला के नेत्रंग के सम्मलेन में 15 नवेम्बर 2014 में एसटी, एससी और ओबीसी के युवाओ की टाइगर सेना लोकनेता छोटूभाई वसावा और महेशभाई वसावा के हाथ उद्घाटित किया. जिस में चारो राज्यों में हजारो युवाओ जुड़े हुवे है.
देश में ये ऐसी प्रथम सामाजिक सेना है, जिस का कार्य एसटी, एससी और ओबीसी के संवैधानिक प्रावधानों को लागु करवाने का और कानून के योग्य अमल के लिए आवाज उठाने का है.
4. दो साल में भिलिस्तान टाइगर सेना ने संवैधानिक आवाज उठाने की अपनी आवाज व्यापक रूप से तेज की है. जिस से संविधान विरोधी शासको और प्रशासको की नींद उड़ चुकी है. एसटी, एससी और ओबीसी के संविधानिक अधिकारों की धज्जिया उड़ाते रहे शासन और प्रशासन ने पुलिसतंत्र के माध्यम से संवैधानिक अधिकारों के आन्दोलन को कुचलने के प्रयास शुरू किये है.
गुजरात के लोकनेता छोटुभाई वसावा ने गुजरात के गृहमंत्री को आवेदनपत्र देकर आगाह किया है कि पिछड़ेवर्गों की आवाज दबाने शासन के प्रयास का गुजरात के लोग मुकाबला करेंगे.

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