Let me speak human!All about humanity,Green and rights to sustain the Nature.It is live.
Monday, May 23, 2016
Himanshu Kumar छ्त्तीसगढ़ के मारडूम गांव में एक आदिवासी को पुलिस नें पकड़ा ၊ पूरा दिन अपने पास रखने के बाद पुलिस नें उसे गोली मार दी ၊ मारे गये आदिवासी की विधवा ने सोनी सोरी को मदद के लिये बुलाया ၊ सोनी सोरी को मारे गये व्यक्ति का आधार कार्ड, राशन कार्ड , पंचायत से घर बनाने के लिये मिला अनुदान प्राप्त करने के सबूत दिखाये ၊ आसपास के हज़ारों आदिवासी इकट्ठा हुए ၊ उन्होंने बताया कि मारा गया आदिवासी बहुत लोकप्रिय था ၊ उसकी लोकप्रियता से पुलिस डर गयी और उसे मार डाला गया ၊ सोनी सोरी नें मारे गये आदिवासी की विधवा और बच्चों को लेकर राजधानी में प्रेस कान्फ्रेंस करी ၊ सरकार घबरा कर कहने लगी कि मारा गया आदिवासी एक लाख का इनामी नक्सली था और अगर सोनी सारी मारे गये नक्सली के पक्ष में बोलेगी तो उसे भी जेल में डाल दिया जायेगा ၊ सोनी सोरी ने निडरता पूर्वक सरकार को जवाब दिया कि मैने मारे गये आदिवासी के नक्सली ना होने के सबूत सामने रख दिये हैं ၊ अब सरकार की बारी है कि वह अपने सबूत सामने रखे ၊ सरकार के हाथ पैर फूल गये ၊ पुलिस नें तुरंत सोनी सोरी पर हमला करवा दिया ၊ सोनी सोरी के चेहरे पर एसिड डाल दिया गया ၊ सोनी सोरी के जले हुये चेहरे के चित्र मीडिया में प्रकाशित हुए ၊ उन चित्रों को लेकर स्थानीय थाने का थानेदार गांव में गया၊ थानेदार नें गांव वालों को बुलाया और उन्हें सोनी सोरी के जले हुए चेहरे का फोटो दिखाया ၊ थानेदार नें कहा देखो हमने सोनी सोरी का क्या हाल किया है ၊ अब सोनी सोरी किसी को अपना चेहरा नहीं दिखा पायेगी ၊ अब तुम लोग भी इस केस के बारे में बोलना बन्द कर दो वरना तुम्हारा हाल भी सोनी सोरी जैसा कर देंगे ၊ गांव वाले चिन्तित तो हुए लेकिन डरे नहीं ၊ अस्पताल से अपने चेहरे का इलाज करवा कर लौटने के बाद सोनी सोरी गांव वालों से मिली ၊ तब यह सारी बाते पता चलीं ၊ सोनी सोरी तो इस घटना से नहीं डरी , अलबत्ता छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार का खुद का चेहरा ज़रूर कुरूप हो गया ၊
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