Thursday, May 12, 2016

क्या सिंगुर के किसानों को जमीन लौटायेगी सुप्रीम कोर्ट? एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास हस्तक्षेप

क्या सिंगुर के किसानों को जमीन लौटायेगी सुप्रीम कोर्ट?
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
हस्तक्षेप

क्या सिंगुर के अनिच्छुक किसानों को सुप्रीम कोर्ट जमीन लौटायेगी,सुप्रीम कोर्ट में सिंगुर मामले की  सुनवाई पूरी हो जाने के बाद यह सवाल खढ़ा हो गया है।सुनवाई पूरी हो जाने के बाद न्यायाधीस बी गोपाल गौड़ा और अरुण मिश्र की पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार और टाटामोर्टर्स को दस्तावेज जमा करने के आदेश दिये हैं।आखिरी दिन दोनों पक्षों के वकीलों के बीच जोर बहस हुई।इसी बीच  ममता सरकार की ओर से सिंगुर मामले में तीन हलफनामा सुप्रीम कोर्ट को सौंपा गया है।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ने टाटा मोटर्स और पूर्ववर्ती वाममोर्चा सरकार की परेशानी बढ़ा दी है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिंगुर की जमीन टाटा मोटर्स को लगभग मुफ्त में मिली है। कृषकों की जमीन को कंपनी भोग रही है।

दूसरी ओर टाटा मोटर्स की ओर से अदालत से अनुरोध किया गया है कि भूमि अधिग्रहण से संबंधित सुप्रीम कोर्ट ने पहले जो आदेश जारी किए हैं उसे ध्यान में रखते हुए ही सिंगुर मामले में अदालत कोई फैसला सुनाए। टाटा मोटर्स ने ये भी कहा है कि इस मामले को बड़ी बेंच में भेजा जाए ताकि मामले पर निष्पक्ष फैसला आ सके।
पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर कोलकाता हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने फैसला दिया था कि जो जमीन टाटा को नैनो की फैक्ट्री के लिए सरकार ने आवंटित की थी वो टाटा सरकार को वापस करेगा।
लेकिन सरकार को टाटा को मुआवजा देना होगा। हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी। अब देखना यह है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या फैसला सुनाता है।
टाटा मोटर्स के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि आईन बदलने की हालत में तय समय सीमा के भीतर किये गये सभी भूमि अधिग्रहण के मामले वह वही आईन लागू होना चाहिए।उनने कहा कि टाटा मोटर्स के लिए जमन अधिग्रहण खराब है और बाकी मामलों में जमीन अधिग्रहण सही है,यह कोई सही दलील नहीं है।आईन और नीति तो सबके लिए समान होनी चाहिए,किसी अलग मामले में किसी खास संस्थ के लिए आईन और नीति अलग लागू हो,ऐसा हो नहीं सकता

सिंगवी के मुताबिक पुरे देश में खेती योग्य  जमीन 42 फीसद है तो बंगाल में 65 से लेकर 68 फीसद।जाहिर है कि उद्योग के लिए जमीन अधिग्रहण में समस्या है।लेकिन कृषि से औद्योगीकरण की विकल्प बेहतर है।

पश्चिम बंगाल सरकार के वकील राकेश द्विलवेदी ने फिर सवाल किया कि ,जिस मकसद से जमीन का अधिग्रहण हुआ,वह जब पूरा नहीं हुआ तो किसी संस्था को जमीन पर कब्जा बनाये रखना गलत है।उनकी दलील है कि राज्य सरकार चाहे तो वह अपने पुराने फैसले पर पुनर्विचार कर सकती है।

सुनवाई पूरी होने के बाद टाटा मोटर्स के वकील ने कहा कि वे इस मामले मेें और दस्तावेज पेश करना चाहते हैं।उन्हें न्यायाधीश अरुण मिश्र ने शुक्रवार तक की मोहलत दी है।इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील को सिंगुर जमीन अधिग्रहण के मामले में और दस्तावेज जमा करने के लिए कहा है।

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