Tuesday, May 3, 2016

मोदी गो बैक का नारा लगाने के कारण बीबीएयू के मेस से नाॅन वेज किया प्रतिबंधित

Rihai Manch : For Resistance Against Repression
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रिहाई मंच ने संघ से पूछे 5 सवाल संघ बताए मछली वेज या नाॅनवेज
अगर वाजपेयी नाॅन वेज खा सकते हैं तो फिर दलित छात्र क्यों नहीं
नाॅन वेज खाने वाले देशों से आर्थिक सम्बंध क्यांे नहीं तोड़ लेते मोदी 
मोदी गो बैक का नारा लगाने के कारण बीबीएयू के मेस से नाॅन वेज किया प्रतिबंधित 

लखनऊ 3 मई 2016। रिहाई मंच ने बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर सेंट्रल यूनिवर्सिटी (बीबीएयू) की मेस से नाॅनवेज प्रतिबंधित करने को बीबीडीयू के दलित छात्रों द्वारा कुछ दिनों पहले रोहित वेमुला का सवाल उठाने और मोदी की मौजूदगी में मोदी गो बैक का नारा लगाने के चलते नाराज मोदी सरकार द्वारा की गई कंुठित और बदले की कार्रवाई बताया है। मंच ने जेएनयू के छात्रांे  द्वारा छात्रों के निलम्बन के खिलाफ चलाए जा रहे भूख हड़ताल का भी समर्थन किया है।

रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि मोदी व्यक्तिगत तौर पर बदले की भावना से ग्रस्त और लोकतांत्रिक तरीके से किए जाने वाले विरोध को भी बर्दाश्त नहीं कर पाने वाले व्यक्ति हैं। उन्होंने हरेन पंड्या से लेकर आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी तक को इसी कंुठा में ठिकाने लगा दिया है। ऐसे में उनका विरोध करने वाले दलित छात्रों के हास्टल से नाॅन वेज प्रतिबंधित कर दिया जाना आश्चर्यजनक नहीं है। 

रोहित वेमुला के सवाल पर मोदी की मौजूदगी में मोदी गो बैक का नारा लगाने के कारण बीबीडीयू से निष्काषित हुए छात्रों को हजरतगंज चैराहे के बीचो-बीच  सम्मानित करने वाले रिहाई मंच के नेता ने नाॅन वेज पर प्रतिबंध की बात करने वाले संघ और भाजपा से तीन सवाल पूछे हैं। पहला, संघ मछली को नाॅन वेज मानता है या वेज? अगर इसे नाॅन वेज मानता है तो उसने अब तक बंगाल, गोवा, कश्मीर और बिहार के मिथिलांचल के ब्राह्मणों को मछली खाने से रोकने के लिए कोई अभियान क्यों नहीं चलाया? दूसरा, अगर वह पानी में तैरने वाली इस जीव को वेज मानता है तो फिर किस आधार पर जमीन पर चलने वाले जानवरों के गोश्त को नाॅन वेज की श्रेणी में रखता है? तीसरा, संघ को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या यह श्रेणीकरण किसी जीव के तैरने और चलने के आधार पर उसने तैयार किया है? यानी जो जीव पानी में रहेगा उसका सेवन वेज और जो दो या चार पैरों से जमीन पर घास चरेगा उसका सेवन नाॅन वेज? चैथा संघ और भाजपा को स्पष्ट करना चाहिए कि अगर अटल बिहारी वाजपेयी नाॅन वेज खा सकते हैं तो फिर बीबीएयू के दलित छात्र क्यों नहीं खा सकते? क्या वह मानता है कि ऐसा करने का हक वाजपेयी जी को ब्राह्मण होने के कारण है बाकी दलित होने के कारण इस अधिकार से वंचित रहने चाहिएं ? पांचवा, अगर संघ की नजर में नाॅन वेज मुक्त भारत बनाने से भारत भारत से सषक्त भारत बन जाएगा तो फिर संघ भारत को आर्थिक शक्ति बनाने के लिए नाॅन वेज खाने वाले देशों से आर्थिक सम्बंध क्यों नहीं तोड़ लेने की वकालत करता है?
द्वारा जारी- 
शाहनवाज आलम
(प्रवक्ता, रिहाई मंच) 
09415254919
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Office - 110/46, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon (E), Laatouche Road, Lucknow

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