Tuesday, May 3, 2016

जानता हूँ दिन कठिन हैं.. सूखती धरती दिन ब दिन है.. कड़े कोस सामने खड़े हों... मुस्कराना लाजिमी है हारना तय तो नहीं है....



जानता हूँ दिन कठिन हैं..
सूखती धरती दिन ब दिन है..
कड़े कोस सामने खड़े हों...
मुस्कराना लाजिमी है
हारना तय तो नहीं है....

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