Harnot SR Harnot
डैथ ऑफ ए सैल्जमैैन--दि बिगनर थियेटर ग्रुप शिमला की बेहतरीन प्रस्तुति।
(मनोहर सिंह की याद में 'मनोहर सिंह स्मृति स्टेट नाटक एवार्ड' शुरू करें सरकार)
(मनोहर सिंह की याद में 'मनोहर सिंह स्मृति स्टेट नाटक एवार्ड' शुरू करें सरकार)
भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश ने जो इस वर्ष कुछ यादगार आयोजन करवाए उसमें 11 से 17 मई, 2016 तक आयोजित 'त़ृतीय मनोहर सिंह स्मृति नाट्य समारोह' भी था जिसमें अंतिम दिन आज अनुपम खेर की संस्था 'एक्टर प्रिपेयर प्रोडक्शन' का नाटक 'मेरा वो मतलब नहीं था' का मंचन था जिसमें अनुपम खेर के साथ नीनागुप्ता व राकेश बेदी ने अभिनय किया। और दिनों की अपेक्षा आज जिस तरह की भीड़ उमडी, वह चकित कर रही थी। इस आपाधापी में हम भी भीतर हो लिए थे। हॉल में अनुपम खेर व अन्य कलाकारों को देखने 96 प्रतिशत लोग थे जबकि नाटक की चाहत में शायद 4 प्रतिशत तक। अनुपम शिमला के दुलारे हैं, पहले हम उन्हें एक बेहतर अभिनेता के रूप में जानते थे(हैं) लेकिन अब हम उन्हें अहिष्णुता के विरोधी बुद्धिजीवियों के विरोध में मोदी जी के स्तम्भ के रूप में ज्यादा जानते हैं। जिस तरह उनका वह प्रदर्शन कुछ जमा नहीं था, आज का मंचन भी कुछ जमा नहीं-यह मेरी व्यक्तिगत राय है क्योंकि मैं नाटक देखने गया था खेर साहब को नहीं। फिर भी जो भीड़ जुटी, उसके लिए साधुवाद।
कहते हैं घर की मुर्गी दाल बराबर---हमारी सरकार, हमारा भाषा विभाग यह कहावत चरितार्थ सदियों से करता रहा है, इसलिए किसी राष्ट्रीय नाट्य समारोह में यहां के कलाकारों की मुश्किल से भागीदारी होती है। इस बार दि बिगनर थियेटर ग्रुप शिमला को यह अवसर मिला और उन्होंने जिस खूबसूरती से इसका उपयोग अपनी 15 मई की प्रस्तुति 'डैथ ऑफ ए सैल्जमैैन' के मंचन में किया वह अति प्रशंसनीय था। सभी कलाकारों ने अपने किरदार बहुत सुंदर ढंग से निभाए और विशेषकर सावित्री की भूमिका में तनुप्रिया का अभिनय तो देर तक याद रहेगा। उसी तरह के एल वर्मा का किरदार भी। पूरी टीम को मेरी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।
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