सोने की बीट बहेलिया और केरल
Jasbir Chawla
भारत के किसी जंगल में एक विलक्षण पक्षी रहता था.वह कुछ भी खाये पर बीट सोने की करता था.एक दिन जंगल में एक बहेलिया (पक्षी पकड़ने वाला) आया.पक्षी ने उसके सामने बीट कर दी.सोने की बीट देख कर बहेलिये ने सोचा कि इसे जिंदा पकड़ कर घर ले जाता हूँ.वह उसे पकड़ कर घर ले आया.बीबी को बताया.बीबी ने कहा कि उसे राजा के पास ले जाये.राजा इनाम देगा.बहेलिया पक्षी को राजा के पास ले गया और राजा को पक्षी के सोने की बीट के बारे में बताया.राजा भला छोटी जात के बहेलिये पर क्यों विश्वास करता.उसने पक्षी की तरफ देखा. पक्षी ने कहा कि वह ऊंचे पेड़ों पर बैठ कर ही सोने की बीट करता है.राजा ने उसे बग़ीचे में ले जाकर छोड़ दिया. पक्षी एक पेड़ पर जाकर बैठ गया और बोला -
"पहला मूर्ख मैं था जिसने जंगल में बहेलिये के सामने सोने की बीट की,दूसरा यह बहेलिया था जिसनें मुझे अपने घर नहीं रखा.तीसरी उसकी बीबी थी जिसनें सोने के बदले राजा से इनाम की इच्छा कर मुझे राज दरबार में भेजा.चौथे मूर्ख महाराज आप हैं जिन्होंने बहेलिये को छोटा समझ कर अविश्वास किया और मेरी बात मानी की ऊंचे पेड़ पर ही बैठ कर बीट कर सकता हूँ और मुझे मुक्त कर दिया,अरे बीट तो कहीं पर भी की जा सकती है" - यह कह कर पक्षी ने सोने की बीट की और फुर्र से जंगल मे उड़ कर गुम हो गया.
"पहला मूर्ख मैं था जिसने जंगल में बहेलिये के सामने सोने की बीट की,दूसरा यह बहेलिया था जिसनें मुझे अपने घर नहीं रखा.तीसरी उसकी बीबी थी जिसनें सोने के बदले राजा से इनाम की इच्छा कर मुझे राज दरबार में भेजा.चौथे मूर्ख महाराज आप हैं जिन्होंने बहेलिये को छोटा समझ कर अविश्वास किया और मेरी बात मानी की ऊंचे पेड़ पर ही बैठ कर बीट कर सकता हूँ और मुझे मुक्त कर दिया,अरे बीट तो कहीं पर भी की जा सकती है" - यह कह कर पक्षी ने सोने की बीट की और फुर्र से जंगल मे उड़ कर गुम हो गया.
मोदीजी ने केरल में जनजातियों के नवजात बच्चों की मृत्युदर की तुलना सोमालिया से की.उनकी मिडीया में छीछालेदर होनें पर उनके बचाव में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह उतरे.उन्होने 'आउटलुक' पत्रिका,२०१३ के अंक को दिखाया जिसपर हड्डियों का ढाँचा बनें एक शिशु की फोटो है और केप्शन अनुसार केरल के उस जनजाति के शिशु की मौत कुपोषण के कारण हुई.अमितशाह ने गरजते हुए केरल सरकार पर हमला बोल दिया और जवाब माँगा.
मजे कि बात यह फोटो २००९ की है जो श्रीलंका के एक कुपोषित बच्चे की है जो किसी अमेरिकन रिपोर्ट का हिस्सा है जिसे 'आउटलुक' पत्रिका ने मूर्खता से छापा जिसे अमितशाह ने भी वैसा ही केरल की आलोचना में परोस दिया.भक्त गण फिर भी ताली बजा रहे हैं.ठोको ताली.
मजे कि बात यह फोटो २००९ की है जो श्रीलंका के एक कुपोषित बच्चे की है जो किसी अमेरिकन रिपोर्ट का हिस्सा है जिसे 'आउटलुक' पत्रिका ने मूर्खता से छापा जिसे अमितशाह ने भी वैसा ही केरल की आलोचना में परोस दिया.भक्त गण फिर भी ताली बजा रहे हैं.ठोको ताली.
कौन कितना अकलमंद है और किस नंबर पर आ रहा है मैं फैसला करने वाला कौन हूँ ?
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