अभी दस दिन पहले इन मुस्कराते फूलों की फोटो क्वारब-रामगढ़ के रास्ते में खींची थी. एक पेड़ इन फूलों से लदा था....नाम पता नहीं पेड़ का.
जाने कैसे हैं अब ये फूल, मुस्करा तो नहीं ही रहे होंगे....., बणाग (वनाग्नि) की खबर इन तक तो पहुंची होगी.... डरे सिमटे ये फूल कैसे दीखते होएँगे अब?
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