Monday, May 16, 2016

Rajiv Nayan Bahuguna Bahuguna जब गर्मी सताये , तो कम्प्यूटर पर बैठ बर्फ़ के चित्र देखो । बार बार पहाड़ न जाओ । जब जाओ तो वहां तमीज़ से रहो । धमाल न मचाओ । प्लास्टिक , पॉलीथिन और अपने मन की गन्दगी वहां न छोडो । गर्म कपड़े वहीं के स्थानीय अभिक्रम से निमिर्मित खरीदो , और भोजन भी स्थानीय करो । चाउमिन न खाओ । बिसलेरी न पीओ । पहाड़ के हर झरने का पानी मिनरल वाटर है । रामदेव के झांसे में आकर उसकी चीजें मत खरीदो । जब पहाड़ भी गर्म और कलुषित हो जाएंगे , तो कहाँ जाओगे । जहाँ तक सम्भव हो कार की बजाय बस से जाओ ।

जब गर्मी सताये , तो कम्प्यूटर पर बैठ बर्फ़ के चित्र देखो । बार बार पहाड़ न जाओ । जब जाओ तो वहां तमीज़ से रहो । धमाल न मचाओ । प्लास्टिक , पॉलीथिन और अपने मन की गन्दगी वहां न छोडो । गर्म कपड़े वहीं के स्थानीय अभिक्रम से निमिर्मित खरीदो , और भोजन भी स्थानीय करो । चाउमिन न खाओ । बिसलेरी न पीओ । पहाड़ के हर झरने का पानी मिनरल वाटर है । रामदेव के झांसे में आकर उसकी चीजें मत खरीदो । जब पहाड़ भी गर्म और कलुषित हो जाएंगे , तो कहाँ जाओगे । 
जहाँ तक सम्भव हो कार की बजाय बस से जाओ ।
गाडी तेज़ न हांको । हॉर्न कम बजाओ । पहाड़ी नदी में गहरे न उतरो । सेल्फ़ी लेते वक़्त बन्दर और चिंपैंजी जैसी शक़्ल न बनाओ । वहां के लोक देवताओं का सम्मान करो । ये गैर साम्प्रदायिक और सरल होते हैं । इनका सांस्कृतिक महत्व भी है । मसूरी ,नैनीताल की अपेक्षा ग्वालदम , गैरसैण , सोमेश्र्वर , जगेश्र्वर, चोपता , पंवाली जाओ । मसूरी - नैनीताल में ठग्गू का समोसा बिकता है , छोटी जगहों पर प्यार और सम्मान मिलेगा । निन्देह यहां लड़कियां छेड़ोगे और नंगा नाच करोगे , तो बुरे पिटोगे । भागने का कोई रास्ता नहीं रहता । जिस रास्ते से आये हो , उसी से जाना भी पड़ता है ।
हरिद्वार या देहरादून अथवा हल्द्वानी में कभी नाइट स्टे मत करो । कुछ आगे बढ़ कर ही छोटी , लेकिन सौम्य बस्तियां मिलेंगी । और अंत में पुनः नेक सलाह । राम देव का उत्पाद कभी न खरीदना । वह विज्ञापन का मायावी है , और कुछ नहीं ।

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