Rajiv Nayan Bahuguna Bahuguna
आज नैनीताल झील की दुर्गति बस एक झलक ही देख सका , फिर पीठ फेर ली । अपने आत्मीय लोक कवि - गायक घनश्याम सैलानी को भी मरने से कुछ दिन पहले देखा था , उनकी भी दशा ऐसी ही थी । तब भी मैंने मुंह फेर लिया था ।
- चित्र सौजन्य - #अमितसाह
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