Thursday, May 5, 2016

जब हम इस बात की पोल खोलते हैं तो आप घबरा जाते हैं और हमें आप वामपंथी, विदेशी दलाल और नक्सलवादी कहने लगते हैं गांधी नें कहा था अंग्रेजों का यह विकास का माडल शैतानी है क्योंकि यह दूसरों से छीन कर विकास करने के सिद्धांत पर टिका हुआ है हम आपकी इस लूट को समझ चुके हैं इसे हम अब और ज़्यादा दिन तक चलने नहीं देंगे

दुनिया में आर्थिक मंदी का दौर है
आर्थिक मंदी यानि उद्योगों का माल नहीं बिक रहा है
माल इसलिए नहीं बिक रहा है
क्योंकि लोगों के पास माल खरीदने के लिए पैसा ही नहीं है
लोगों के पास पैसा इसलिए नहीं है
क्योंकि उद्योगपतियों नें मजदूरों को निकाल कर मशीनें लगा ली हैं
अमेरिका और यूरोप के ज्यादातर उद्योगपति अपना माल गरीब मुल्कों में बनवा रहे हैं
क्योंकि इन गरीब मुल्कों में मजदूरी कम देनी पड़ती है
और इससे मुनाफा बढ़ जाता है
यानि उद्योगपतियों के अपने ही लालच के कारण
उनके अपने ही देशों में बेरोजगारी फ़ैली
जिससे उनका माल खरीदने के लिए लोगों के पास पैसा नहीं रहा
तो अमीर उद्योगपतियों नें अपने ही पैरों पर खुद कुल्हाड़ी मारी
अब जब उद्योगपतियों का माल बिकना कम हो गया
तो उन्होंने इस मुसीबत से निकलने के लिए
नए नए देशों में अपने माल बेचने
नए नए देशों से सस्ता कच्चा माल हड़पने
और युद्ध करवा कर हथियार बेच कर मुनाफा कमाने का रास्ता अपनाया
इस योजना के तहत ही
अफगानिस्तान पर हमला किया गया
ओसामा को खड़ा किया गया
तालीबान को खड़ा किया गया
आइसिस को खड़ा किया गया
सद्दाम को बदनाम करके ईराक पर हमला किया गया
इस्लामी आतंक का हव्वा खड़ा करा गया
और आतंकवाद से युद्ध के नाम पर दर्जनों देश दुनिया भर में युद्ध करने में लग गए
आतंकवाद से युद्ध के नाम पर बड़े पैमाने पर हथियारों की बिक्री से मुनाफा कमाने का खेल खेला गया
ध्यान से देखिये
इस युद्ध में वही देश शामिल है जहां की सरकारों को उद्योगपति चला रहे हैं
अदाणी नें चुनाव में मोदी को अपना हवाई जहाज और सैंकडों करोड़ रूपये दिए थे
अब भारत की सरकार भी उद्योगपतियों के कब्ज़े में है
व्यापार और मुनाफा कमाने के लिए अदाणी अम्बानी टाटा और जिन्दलों के लिए विदेश यात्राएं करी जा रही हैं
मोदी का अचानक वाला पाकिस्तान दौरा अदाणी के लिए व्यापार के रास्ते खोलने के लिए ही था
अभी मोदी सरकार नें अमरीका को भारत में अपने लड़ाकू जहाज उतारने की इजाज़त दी है
ये मुनाफाखोर उद्योगपति सारी दुनिया को लड़ाई के मैदान में बदल देंगे
इन मुनाफाखोर पागलों के कब्ज़े में सरकार के नेता हैं
इन मुनाफाखोर शैतानों के कब्ज़े में फौज़ी अफसर हैं
यह मुनाफे के लिए चलने वाली अर्थव्यवस्था बहुत खतरे में है
यह मुनाफे के लिए चलने वाली व्यवस्था पूरी दुनिये को एक बहुत बड़े खतरे में डालने वाली है
जब हम आपसे कहते हैं कि बस्तर में हमारी सेनाएं आदिवासियों को मार रही हैं
और आदिवासी महिलाओं से बलात्कार कर रही हैं
ताकि जंगलों पर और खनिजों पर कंपनियों का कब्ज़ा हो सके तो
आप तुरंत हमें गालियाँ देने लगते हैं
क्या आपको पता है आप हमें गालियाँ क्यों देते हैं
क्योंकि आपको पता है कि इन सिपाहियों के कारण ही आप अमीर बने हुए हैं
ध्यान से देखिये आपके पास
ना तो अनाज है
ना दूध है
ना लकड़ी है
ना खनिज है
ना पानी है
आप एक सरकार या एक अमीर उद्योगपति की नौकरी करते हैं
आप कम्यूटर चलाते हैं
और बदले में आप कार में घूमते हैं
पन्द्रह सौ रूपये का एक पीज़ा खाते हैं
आपको यह सरकार या उद्योगपति आपके काम के बदले में कागज़ के रूपये देती है
इस कागज़ का मूल्य कुछ भी नहीं है
ना तो आप इस कागज़ को खा सकते हैं ना पी सकते हैं
असली माल तो उनके पास है जिन्हें आप गरीब कहते हैं
जब आदिवासी आपके कागज़ के बदले अपना असली माल यानि नदी , जंगल , खनिज बदलने से मना कर देता है
तो आपका उद्योगपति और आपकी सरकार
उस गरीब को मारने और उसके साथ बलात्कार करने के लिए पुलिस भेज देती है
तो आपकी कार और आपका पीज़ा आप के सिपाही की बंदूक के दम पर आपको मिलता है
इसलिए जब हम इस बात की पोल खोलते हैं तो आप घबरा जाते हैं
और हमें आप वामपंथी, विदेशी दलाल और नक्सलवादी कहने लगते हैं
गांधी नें कहा था अंग्रेजों का यह विकास का माडल शैतानी है
क्योंकि यह दूसरों से छीन कर विकास करने के सिद्धांत पर टिका हुआ है
हम आपकी इस लूट को समझ चुके हैं
इसे हम अब और ज़्यादा दिन तक चलने नहीं देंगे

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